Friday, December 27, 2024
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उज्जैन में पुलिस के हत्थे चढ़ा ‘कानपुर का दरिंदा’ विकास दुबे पॉल के नाम की फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर रहा था. वह राजस्थान के कोटा से सड़क के रास्ते उज्जैन पहुंचा था. विकास दुबे के साथ ही एक शराब कारोबारी को भी गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद ऐसी जानकारी आई थी कि विकास दुबे फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर रहा था. दुबे गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचा था, यहां पर उसे एक गार्ड ने पहचान लिया था. उसकी पहचान कन्फर्म होने पर उज्जैन पुलिस को जानकारी दी गई, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

बता दें कि विकास दुबे कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद दिल्ली एनसीआर पहुंचा था. दिल्ली एनसीआर में उसे फरीदाबाद में देखा गया था. लेकिन यहां पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह चकमा देकर फरार होने में कामयाब रहा. लगभग एक हफ्ते तक पुलिस के शिकंजे से बचते फिरने के बाद आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद फिलहाल यूपी का यह कुख्यात गैंगस्टर उज्जैन पुलिस की गिरफ्त में है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर बताया कि उनकी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात हुई है. उन्होंंने बताया कि मध्य प्रदेश दुबे को यूपी पुलिस को सौंप देगी.

शिवराज सिंह ने ट्वीट कर लिखा, ‘जिनको लगता है कि महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धुल जाएंगे, उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं. हमारी सरकार किसी भी अपराधी को बख्शने वाली नहीं है.’

बता दें कि गिरफ्तारी के बाद भी विकास दुबे पुलिस पर रौब जमाता नजर आया. एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पुलिस उसे गाड़ी में बिठाने ले जा रही है और उसे दो-तीन पुलिसकर्मियों ने पकड़ रखा है. तभी विकास दुबे जोर से चिल्लाता है, ‘मैं विकास दुबे हूं.. कानपुर वाला.’ तभी एक कॉन्स्टेबल ने उसे एक थप्पड़ जड़ दिया, जिसके बाद दुबे चुप हो गया.

हालांकि, विकास दुबे की दूसरे राज्य में अचानक हुई इस गिरफ्तारी पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कई विपक्षी नेताओं ने भी इस गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया है कि सरकार स्पष्ट करे कि यह गिरफ्तारी है या सरेंडर.

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