Thursday, December 12, 2024
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भारतीय जनता पार्टी ने नवंबर, 2017 में अग्रसेन गहलोत पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 2007 और 2009 के बीच, जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब उन्होंने सब्सिडाइज़्ड फर्टिलाइज़र यानी उर्वरक का निर्यात किया था.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के ठिकानों पर कथित उर्वरक घोटाले में प्रवर्तन निदेशाल ने बुधवार को छापेमारी की है. सूत्रों ने बताया कि यह उर्वरक के निर्यात को लेकर किसी कथित घोटाले का मामला है. इस मामले में ईडी देशभर में छापे मार रही है. भारतीय जनता पार्टी ने नवंबर, 2017 में अग्रसेन गहलोत पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 2007 और 2009 के बीच, जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब उन्होंने सब्सिडाइज़्ड फर्टिलाइज़र यानी उर्वरक का निर्यात किया था. सूत्रों के हवाले से जानकारी है कि ईडी इस मामले में देशभर में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है.

इस मामले में क्लोराइड पोटाश  के निर्यात का आरोप है, दरअसल, इस उर्वरक का निर्यात प्रतिबंधित है. MoP को देश में Indian Potash Limited आयातित करती है और फिर इसे सब्सिडाइज़ रेट पर किसानों को बेचा जता है लेकिन आरोप है कि अग्रसेन गहलोत ने 2007-09 के बीच में जब वो IPL के ऑथराइज्ड डीलर थे, तब MoP सब्सिडाइज्ड रेट पर खरीदा और किसानों को बांटने के बजाय कुछ कंपनियों को बेच दिया, जिन्होंने फिर इसे इंडस्ट्रियल सॉल्ट का नाम देकर मलेशिया और सिंगापुर को निर्यात कर दिया. Directorate of Revenue Intelligence ने 2012-13 में इस मामले का खुलासा किया था.

बता दें कि इसके पहले अशोक गहलोत के करीबियों पर आयकर विभाग ने भी एक्शन लिया था. अशोक गहलोत के करीबियों के यहां कुछ दिन पहले आईटी विभाग ने 13 जुलाई को छापेमारी की थी. पिछले हफ्ते सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि छापेमारी में करीब 12 करोड़ कैश मिला है और 1 करोड़ 70 लाख के गहने मिले हैं. इस छापेमारी में राजीव अरोड़ा ,सुनील कोठरी और रतनकांत शर्मा का नाम आया था. तीनों को आईटी एक्ट के तहत नोटिस जारी किया गया है और पूछताछ होनी है.

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